विटामिन ए (Vitamin A) आंखों की रोशनी को सुधाने के लिए महत्वपूर्ण होता है। रेटिनॉल के रूप में जाना जाने वाला विटामिन ए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली(Immune system) को मजबूत करने का काम भी करता है। साथ ही विटामिन A त्वचा, सर्वाइकल, फेफड़े और मूत्राशय से संबंधित परेशानी और कुछ कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए भी जाना जाता है।
ज्यादा विटामिन A से हो सकती है मौत

एनसीबीआई(NCBI)के अनुसार, विटामिन ए की अधिकता से बने शरीर में जहर से व्यक्ति में मानसिक तौर पर बदलाव आने लगते हैं। इसके अलावा, स्ट्रोक, गंभीर सिरदर्द, बढ़े हुए इंट्राकैनायल दबाव के कारण आखों में धुंधलापन का खतरा होता है। लंबे समय में इसके परिणाम से एलोपिसिया, एनोरेक्सिया, प्रुरिटस, श्लेष्मा झिल्ली का सूखापन, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द और हाइपरलिपिडिमिया हो सकता है। इसके अलावा कुछ मामलों में विटामिन ए की अधिकता से कोमा और मृत्यु का भी खतरा होता है।
विटामिन A कब बन जाता है जहर

विटामिन ए उस समय आपके शरीर के लिए जहर बन जाता है जब इसका स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। सामान्यतौर पर वयस्क पुरुषों को 700 माइक्रोग्राम और महिलाओं 600 माइक्रोग्राम विटामिन A की आवश्यकता होती है।
विटामिन A ओवरडोज के लक्षण

- आंखों की समस्या
- अपर्याप्त भूख
- मतली और उल्टी
- सूर्य के प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
- बाल झड़ना
- सिरदर्द
- त्वचा में सूखापन जिसमें कभी-कभी खुजली हो जाती है।
- लीवर में परेशानी
- पीलिया
- जोड़ों में तेज दर्द
इनेक लिए जहर समान है विटामिन A के सप्लीमेंट्स

वो महिलाएं जो मेनोपॉज से गुजर रही हैं और वृद्ध पुरुषों को अधिक विटामिन ए का सेवन करने से बचना चाहिए। संक्षेप में, जिन लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा अधिक होता है, उन्हें विटामिन ए की खुराक के बारे में बहुत सावधान रहना चाहिए।
नेचुरल सोर्स से लें विटामिन-A

यदि आपको कोई मेडिकल कंडीशन नहीं है जिसके वजह से आपका शरीर विटामिन्स को प्राकृतिक रूप से अवशोषित न कर पाता है तो इसके सप्लीमेंट्स न लें। शरीर में विटामिन A की पूर्ति नेचुरल तरीके से करना बेहतर विकल्प है। इसके लिए आप पीली, लाल और हरी (पत्तेदार) सब्जियां, जैसे पालक, गाजर, शकरकंद, लाल मिर्च, पनीर, अंडे, ऑयली मछली, दूध और दही का सेवन कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।