इस सिग्नल का मतलब है कि खगोलविद शुरुआती ब्रह्मांड के रहस्यों को देखने में सक्षम होंगे। इसका मतलब है कि यह आकाशगंगा तब भी मौजूद थी जब ब्रह्मांड सिर्फ 4.9 अरब साल पुराना था। ब्रह्मांड विज्ञानी और खोज पर एक अध्ययन के को-ऑथर अर्नब चक्रवर्ती ने Metro.co.uk को बताया कि यह समय में 8.8 अरब साल पीछे देखने के बराबर है। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी दूरी पर इस तरह के रेडियो सिग्नल का पता चला है।
मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप की मदद से हुई खोज
चक्रवर्ती ने कहा कि एक आकाशगंगा से कई तरह के रेडियो सिग्नल बाहर निकलते हैं। अब तक इस खास तरह के संकेत को सिर्फ पास की आकाशगंगा से कैप्चर करना संभव था जो हमारी जानकारी को पृथ्वी के करीब मौजूद आकाशगंगाओं तक सीमित कर देते थे। भारत और मॉन्ट्रियल में, शोधकर्ता एक विशालकाय मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप की मदद से इन सिग्नल को पकड़ने में कामयाब हुए।
क्या होती है ग्रेविटेशनल लेंसिंग?
रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी जर्नल में इस खोज की घोषणा की गई है। ग्रेविटेशनल लेंसिंग (Gravitational Lensing) के रूप में जानी जाने वाली स्वाभाविक घटना के कारण रेकॉर्ड-ब्रेकिंग दूरी पर इस सिग्नल को देखा जा सका। को-ऑथर निरुपम रॉय ने कहा कि गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग हमें शुरुआती ब्रह्मांड में झांकने के लिए बेहद दूर स्थित स्रोत से आने वाले सिग्नल को बड़ा करता है।