Thursday, June 27, 2024
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पृथ्वी ने 24 घंटे से पहले ही पूरा किया अपना चक्कर, कंप्यूटर की दुनिया में मचा हड़कंप

Education: पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमने की गति को पृथ्वी की घूर्णन गति कहते हैं । पृथ्वी की घूर्णन गति लगातार बढ़ रही है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि 29 जुलाई 2022 को पृथ्वी ने अपने ध्रुप पर एक चक्कर 24 घंटे से भी कम समय में पूरा कर लिया। वैज्ञानिकों ने बताया है कि पृथ्वी ने 24 घंटे से 1.9 मिली सेकेंड पहले ही अपना चक्कर पूरा कर लिया है।

हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी 24 घंटे में अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करती है। लेकिन आपको यह जानकार हैरानी होगी कि पृथ्वी ने ये कारनामा 24 घंटे से भी कम समय में कर दिखाया है। 29 जुलाई 2022 को पृथ्वी ने अपनी धुरी पर एक चक्कर निर्धारित समय से 1.9 मिली सेकेंड पहले ही पूरा कर लिया। आपको भले ही ये समय बहुत छोटा लगे, लेकिन टेक्निकली ये 24 घंटे से कम है। वैज्ञानिकों का कहना है कि घूर्णन की गति हाल ही में बढ़ रही है, लेकिन अभी इसका सटीक कारण अज्ञात है। अगर पृथ्वी की यह घूर्णन गति बढ़ती रहती है तो वह 24 घंटे से कम समय में ही चक्कर पूरा कर लिया करेगी। ये कम्युनिकेशन सिस्टम के लिए अच्छा नहीं होगा।

इस आंकड़े को देखने से प्रतीत होता है कि पृथ्वी अपनी स्वाभाविक निर्धारित गति से तेजी से घूम रही है, लेकिन जब लंबी अवधि पर विचार किया जाता है तो पता चलेगा कि वास्तव में ये धीमा हो रहा है। ग्रह एक चक्कर को पूरा करने में हर सदी में कुछ मिलीसेकंड ज्यादा का समय ले रहा है। वर्ष 2020 में पृथ्वी ने 60 वर्षों में अपना सबसे छोटा महीना देखा था। 19 जुलाई 2020 को दिन 24 घंटे से 1.47 मिलीसेकंड छोटा था। पिछले साल का सबसे छोटा दिन 2020 की तुलना में आंशिक रूप से लंबा था।

तेजी से क्यों घूम रहा ग्रह


कई वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी की घूर्णन गति बढ़ने के लिए क्लाइमेट चेंज, समुद्री लहरों का मूवमेंट और पृथ्वी के कोर जिम्मेदार हैं। वहीं, कई अन्य मानते हैं कि पृथ्वी के भौगोलिक ध्रुव इसकी स्पीड के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।

पृथ्वी के तेज घूर्णन गति से क्या हो सकता है


वैज्ञानिक अभी भी इससे जुड़े प्रभावों को पूरी तरह समझ नहीं पाए हैं। उनका कहना है कि अगर इसी स्पीड से घूर्णन गति बढ़ी तो एक सेकंड को पूरा होने में 1 सदी लग जाएगा। ऐसे में उन्हें मजबूरन समय में 1 लीप सेकंड जोड़ना पड़ सकता है। हालांकि ऐसा करना और भी मुश्किलें बढ़ाएगा। खासकर दुनिया की इन्फॉर्मेशन और टेक्नोलॉजी में। ऐसा इसलिए क्योंकि आपने अगर गौर किया होगा कि कंप्यूटर में समय 23:59:59 तक जाता है और 60वें सेकंड पर वह 00:00:00 हो जाता है। माना जा रहा है कि अगर समय में एक सेकंड का बदलाव हुआ तो कंप्यूटर प्रोग्राम क्रैश भी कर सकते हैं।

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